Thursday, January 7, 2010

मीठी सी मुस्कान थी उसकी..

    मीठी सी मुस्कान थी उसकी ,आँखों में अक अजीब सी कशिश थी , मानो कुछ कहना चाह रही थी वोह अपनी जुबान से उसकी मासूमियत ने मेरे दिल में एक अनचाही सी उम्मीद एक खवाब सजा दिए ...
    रंग उसका ऐसा था जो हर भाव में एक मीटास लिए था , एक जादू था उसमे जैसे किसी ने चन्दन की लकड़ी से उसका ये रूप सजाया हुआ है और फूलो सी खुसबू उसके तन में भर दी हो...
    किसी परी से कम नहीं थी वोह ! उसका धीरे से पलके जपकना, खिलखिलाना और बहूत ही प्यार से मेरी उंगली को तामना और फिर से मुस्कराना ... मानो मेरे अदूरेपन को  हर पल पूरा कर रहा हो , मुझसे कह रहा हो , मुझे खुद से कभी अलग मत करना , हर पल मेरे संग रहना ... जी तो कर रहा था की दुनिया भर की खुशियाँ उसके दामन में भर दूं , उसका गम मैं ले लूँ और उसके दमन में खुद के खवाबो को निछावर कर दूँ ...
    अपने प्यारे से छोटे छोटे कदमो से वोह मेरी और बड़ी और आकर मेरी गोद में बैठ कर उसने धीरे से अपनी कोयल जैसी आवाज़ में कहा "माँ" ..और फिर मुस्कराने लग गयी...
    उसकी खिल्कारी में मैं ऐसी डूबी की मेरी आँखे खुल गई और मैं सपने से हक्कीकत में लौट आई ... एक लम्बी सी आह भरी और फिर से उस सपने में लौट जाने की कोशिश की ... पर जा न पाई...
    वोह पल ज़िन्दगी से अनमोल पल सा होकर रह गया... शायद एक याद एक झरोका बन कर...
    ये सपने भी न कभी कभी क्या क्या रंग दिखाते है... कभी हसते है तो कभी रुलाते है...और कभी कभी एक अजीब सी , मासूम सी ... ख्वाइश झोली में भर जाते है...

लेखिखा
"दिव्या"

7 comments:

  1. laikhika ji kya baat hai bhut hi acha likhti hain aap, khoobsurat ehsaas, aap ki tehreero.n mai bhut succhaii hoti hai jo ki asaan kaam nhi hai, bhut khoob likhti rahiye, aapki is tehreer par kuch yaad aa rha shayra hain parveen shakir...

    lehla rahi hai barf ki chadar hata ke ghaas
    suraj ki sheh pe tinke bhi bebaak ho gaye


    aslam

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  2. बहुत मनोभावों की बानगी!!

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  3. @Aslam ji - Bahoot bahoot shukriya aapka jo aapne mere bhavo ko samja aur uski sarahana ki...

    @ Sameer ji - Aapka bhi tahe dil se shukriyaa..

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  4. सुन्दर रचना
    धन्यवाद स्वीकारें ...........

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  5. जिंदगी ये सबसे हसीन रिश्ता और यही सच्चा प्यार है और उसे खूबसूरती से प्रस्तुत किया है आपने.....

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  6. Bahoot Bahoot Shukriya Lokender Ji..

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